Bhoot ki kahani
किसी गाँव में एक पीपल के पेड से कुछ आवाजे आती थी | गाँव के लोग
उस पीपल के पेड के पास जाते हुए डरते थे | गाँव के लोग कहते थे की इस पेड पर भूत
का साया है जो भी इस पेड के पास जाता है वो पागल हो जाता है | लेकिन बच्चे
उस पीपल के पेड के पास जाकर खेलते थे और झूला भी झूलते थे | लेकिन इनमे एक
लड़का जिसका नाम ओम था जो हमेसा उदास रहता था और अपने माता पिता को याद करता रहता
था | ओम के माता
पिता इस दुनिया में नहीं थे | ओम बिलकुल अकेला था और पेड से कुछ ही दुरी पर
फूटपाथ पर भिख मांगता और वही सोता था |
Bhoot And Friend
एक दिन जब बच्चे उसी
पेड के निचे खेल रहे थे तब इस पेड से एक आवाज आई की बच्चो यहाँ मत खेला करो | ये सुन
कर सभी बच्चे वंहा से भाग गए | लेकिन बच्चे नादान होते है वो फिर से कल उसी पीपल के पेड के
पास खेलने लगे | इस बार भी वही आवाज सुनाई दी | इस बार भी सब बच्चे भाग गए लेकिन उनमे से एक बच्चा यानी ओम
नहीं भागा और ओम उस भूत से बात करने लगा | ओम कहने लगा आप कौन हो और हमे बार बार क्यों डराते हो जरा मेरे
सामने आओ | मुझे तुम्हे देखना है | भूत बोला आप डर जाओगे | ओम बोला डरना होता तो में भाग जाता | भूत ने
कहा जहा तुम खड़े हो वहा एक बोतल गड़ी हुई है तुम उसे बाहर निकालो और में तुम्हारे
सामने आ जाऊंगा | ओम ने गड्डे से बोतल निकाली और उसका डक्कन खोल दिया | फिर
अचानक से तेज हवाए चलने लगी और एक भूत प्रकट हुई | वो भूत ओम से बोला क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे ओम बोला तुम गाँव
वालो को क्यों डरते हो | भूत ने कहा में किसी को भी नहीं डराता लोग अपने आप डर जाते है | फिर भूत
बोला क्या अब तुम मेरे दोस्त बनोगे | ओम बोला ठीक है लेकिन तुम्हारा नाम क्या है | भूत
बोला तुम मुझे भूत दोस्त कहकर बुलाना ठीक है | भूत ने ओम से कहा कि तुम मेरे बारे में किसी को मत बताना वरना
में वापस चला जाउंगा | ओम ने कहा ठीक है | में किसी को भी नहीं बताऊंगा |
भूत ने ओम की सारी मनोकामना पूरी की |
ओम अपने
घर यानि फूटपाथ पर भूत दोस्त को लेकर आया और कहने लगा | भूत
दोस्त में यही रहता हूँ | यही मेरा घर है | भूत ने ओम से कहा | ओम मुझे बहुत भूख लगी है क्या तुम मुझे कुछ खाने को नहीं दोगे | में
तुम्हारे घर पहली बार आया हूँ | ओम बोला मेरे पास खाना नहीं है और मुझे भी भूख लगी है | भूत
बोला तुम उदास क्यों होते हो, में हूँ न में तुम्हारे लिए खाना लाऊंगा, बोलो तुम क्या खाओगे | ओम बोला मुझे समोसा और जलेबी खानी है, भूत बोला, में अभी तुम्हारे लिए समोसा और जलेबी लाता हूँ | अचानक
भूत गायब हो गया और गाँव के पास एक हलवाई की दूकान से समोसा और जलेबी को गायब कर
दिया ये देखकर दुकानदार चोकने लगा की समोसे और जलेबी कहा गायब हो गई | अभी तो
मेने बनाई थी | दूकानदार अपना सर खुजालने लगा और सोचने लगा कही में सपना तो नहीं देख
रहा | समोसे और जलेबी देखकर ओम बहुत खुश हुआ और दोनो समोसे और जलेबी खाने
लगे | इस तरह भूत ने ओम की जिंदगी बदल दी | ओम के पास अब अपना घर और पड़ने के लिए किताबे भी है |
कुछ दिन बाद उसी फूटपाथ पर कुछ भिखारी और उनके बच्चे बेठे थे जिनके साथ ओम रहता था | बिचारे बहुत भूखे थे | ये देखकर ओम बहुत उदास हो गया और भूत दोस्त को याद करने लगा | फिर भूत अचानक प्रकट हुआ | ओम भूत दोस्त से कहने लगा, भूत दोस्त इन लोगो के लिए भी कुछ करो मुझे इनका दुख दर्द नहीं देखा जाता | भूत इनके लिए भी कपडे और बहुत सारा खाना लेकर आया ये देखकर ये सभी भिखारी लोग बहुत खुश हुए और ओम को आशीर्वाद देने लगे | इन्हें खुश देखकर ओम भी बहुत खुश हुआ |
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1 टिप्पणियाँ
Nice post and good stories
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