पहली नजर का प्यार
पहली नज़र का प्यार भी क्या होता है न यार | जब होता है न तो चारो और कुछ नज़र नहीं आता सिर्फ उसी का चेहरा ही नज़र आता है जिस लड़की को पार्क में पहली बार देखते ही दिल में कुछ कुछ होने लगा था | उसका मुस्कुराना, उसका हसना, उसका मुझे पीछे मुड़कर बार बार देखना | ऐसा लगता है बस उसको ही देखता रहूँ | लेकिन क्या करू कभी कभी डर भी लगता था | लेकिन में चोरी चोरी उसे देखता था | ऐसा लगता है की भगवान ने इसे मेरे लिए ही बनाया है | उसकी मुस्कान ने रातो की नींद उड़ा कर रख दी, ना खाने का मन था ना ही कुछ काम करने का मन था | उसकी हंसी ने मुझे निकम्मा बना दिया था | बस मन में उसी का चेहरा नज़र आता था | अब तो मेरे घर वाले भी मुझ से परेशान थे आखिर इसे हो क्या गया था | अगली सुबह बस यही सोचता था की उससे बात की शुरुआत कैसे करू | लेकिन उससे बात करने में हिचकिचाहट थी डर भी था कही वो नाराज़ ना हो जाये | शायद जो मेरे साथ हो रहा था वही उसके साथ भी हो रहा होगा | लेकिन हम दोनों में से कौन पहले बात की शुरुआत करे | उसको देखने के लिए में रोजाना पार्क जाने लगा और उसका इंतजार करता था और वो भी रोजाना आती थी | लेकिन हम दोनों एक दुसरे को देख कर घर चले जाते थे | में बेचेन था और वो भी बेचेन थी आखिर बात की शुरुआत कैसे करे | एक बार तो वो पार्क में कुर्सी पर बेठी थी और में उसके पास आकर बेठ गया मेने सोचा शायद वो कुछ बोलेगी और उसे लग रहा था की में उससे कुछ बात करूँगा | लेकिन हम दोनों में से किसी ने कोई बात नहीं की और वो 1 घंटे बाद उदाश होकर चली गई | शायद उसे लगा की ये आगे से बात करेगा लेकिन मेने भी कुछ नहीं कहा | में उससे बात करने के लिए तड़प रहा था की बात कहा से शुरू करू | लेकिन हिम्मत नहीं हुई |
आखिर ऐसे मिले दोनों
मेने आज सोच
लिया था जो होगा देखा जायेगा आज में उसे प्यार का इजहार कर दूंगा | में उससे पहले पार्क में पहुँच
गया था | 2 घंटे बाद वो आई और फिर मेरे पास
आकर बेठ गई | लेकिन मेने
क्या देखा की इसकी आँखों में आंसू भरे हुए थे | मुझसे
देखा नहीं गया और मेने आखिर में उससे पूछ लिया क्या हुआ आप रो क्यों रही हो उसने
कहा सिर्फ तुम्हारी वजह से मेने कहा, मेने क्या किया |
लेकिन में जानता था की ये मुझसे सिर्फ आई लव यु सुनना चाहती थी |
वो सिर्फ चाहती थी की में कुछ कहु | में उससे कुछ बाते करू | उसको देखकर
मेरा दिल बेठ गया और मेने उसको आई लव यु बोल दिया कुछ देर तक वो मेरी आँखों में
घुस्से से देखती रही लेकिन उसने मुझे अचानक गले लगा लिया और वो बहुत रोने लगी और कहने
लगी इन तीन शब्दों को सुनाने के लिए में रोज पार्क में सिर्फ तुम्हारे लिए आती थी | मेने भी कहा, में भी सिर्फ तुम्हारे लिए ही तो
पार्क में आता था | लेकिन क्या करू बस दिल में एक डर सा था | आसपास लोग जमा हो गए और ताली
बजाने लगे | हम दोनों बहुत
खुस थे | फिर हम दोनों काफी देर तक पार्क
में बाते करते रहे | एक दुसरे को समझने लगे | फिर मेने उसे कहा, तू मुझे कभी छोड़ के
मत जाना | वर्ना में तेरे बिना जि नहीं पाउँगा | तू नहीं जानती
में किस तरह तेरे बिना तड़पा हूँ | वो बोली, यार कैसे बयां करती, अल्फाज नहीं था, मेरे दर्द का तुझे
अहसास नहीं था, दर्द मुझे बस यही था, की तू मेरे
पास नहीं था | में आपको कभी छोड़ के नहीं जाउंगी लेकिन
आप भी मुझसे वादा करो की आप भी मुझे कभी छोड़ के नहीं जाओगे | मेने भी उससे वादा किया की
चाहे कुछ भी हो जाये में तेरा साथ कभी नहीं छोडूंगा | हम दोनों को प्यार की एक नई ज़िन्दगी मिली थी |
1 टिप्पणियाँ
Nice Sir .... Very Good Content . Thanks For Share It .
जवाब देंहटाएंdil ka dard hindi shayari
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