पिता ही सबकुछ है




हेल्लो दोस्तो | आज फिर में आपके लिए एक और कहानी लेकर आया हूँ | ये कहानी एक पिता के ऊपर लिखी गई है | इस संसार में पिता की क्या अहमियत होती है | इसे हम कुछ शब्दों में जानने की कौशिश करते है | इसे में कहानी नहीं कहूँगा बल्कि ये एक सच है | पिता है तो सारी खुशिया है | पिता के कदमो में सारा जहान है | पिता को इस संसार में भगवान के समान माना गया है | पिता के डाटने में बहुत प्यार छुपा होता है | 


पिता रोटी है, कपडा है, मकान है, पिता नहीं तो ये ज़िन्दगी सुनसान है | बच्चो के सपने पूरा करने के लिए जो मेहनत करता है वो पिता है | बच्चो को पढाने के लिए जो दिन रात काम करता है वो पिता है | बच्चो को किताबे और स्कूल की फ़ीस देता है वो पिता है | बच्चा जब कोई चीज की जिद करता है और उसको हासिल करने में जो मदद करता है वो पिता है | खुद पुराने फटे कपडे पहनता है और बच्चो को अच्छे कपडे पहनाता है वो पिता ही है | 


जिसके पैसों से हम मोज मस्ती करते है और जो काम करता है वो पिता है | हम तीन समय का खाना खाते है और वो काम करता है वो पिता है | बच्चो की खुशियों के लिए जो मेहनत करता है वो पिता ही है | अब और क्या कहूं पिता के बारे में जितना कहूं कम है | 


बस एक बात और कहना चाहता हूँ | पिता कभी डाट दे तो बुरा मत मानना क्यूंकि पिता और सूरज एक समान है जब दोनों डूब जाते है ना तो जिंदगी में अँधेरा छा जाता है | एक बार उनके दिल से पूछो जिनके पिता नहीं है |