Akbar Birbal Story
आप सभी ने अकबर बीरबल के बारे में पड़ा होगा या सुना होगा | इन दोनों के किस्से दुनिया भर में बहुत ही चर्चित है | इनके किस्से दुनिया को समझधारी का ज्ञान देते है | इनकी कहानियो से बहुत कुछ सिखने को मिलता है | इनकी कहानियो से बुद्धि का विकास तेजी से होता है | इनकी कहानियो से ये सिख मिलती है की चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति आ जाये उसे हमेशा मन को शांत रखकर हल करना चाहिए | शाहजाह अकबर के दरबार में जब कोई मामला अकबर नहीं सुलझा सकते थे तो बीरबल बड़े शांत मन से उस मामले को सुलझा देते थे | चलिए जानते है एक किस्सा |
सोने का खेत
शाहजाह अकबर के महल में यूं तो हर चीज बहुत कीमती थी | लेकिन इनके कमरे में एक ऐसी चीज थी जो महल में शाहजाह अकबर के बहुत करीब थी और वो उसे बहुत संभाल कर रखते थे | उसे अपने पास रखकर ही सोते थे वो और कुछ नहीं बस एक गमला यानि पोधा था | वह इस गमले को बहुत चाहते थे और हमेशा अपने कमरे में ही रखते थे |
एक दिन उनका सेवक कमरा साफ़ करने आया | कमरा साफ़ करते करते सेवक के हाथो से वही गमला टूट कर गिर गया | सेवक बहुत डर गया था और मन से सोचने लगा की अब मेरा क्या होगा | शाहजाह तो मुझे मार डालेंगे जब उन्हें पता चलेगा की मेरे हाथो से उनका प्रिय गमला टूट गया | फिर सेवक ने मन ही मन में कहा की में शाहजाह को कुछ नहीं बताऊंगा | इसके बाद सेवक ने गमला छुपा दिया |
शाहजाह अपने कमरे में आये जब उन्होंने देखा की गमला अपने जगह पर नहीं है तो उन्होंने सेवक को बुलाया और गमले के बारे में पूछा | सेवक ने कहा - शाहजाह गमला में अपने घर ले गया और में उसकी अच्छी तरह देखभाल करूँगा | शाहजाह बोले - नहीं वो गमला तुम अभी लेकर आओ जब तुमे पता है की ये गमला मुझे कितना प्रिय है तो तुम इसे लेकर क्यों गए | सेवक बहुत डर गया और इसने सोचा की अब शाहजाह को सच बताना ही पड़ेगा |
सेवक ने कहा - शाहजाह वो गमला मुझसे गलती से टूट गया | शाहजाह बहुत घुस्सा हुए और उन्होंने सेवक को बहुत डाटा और उसे फासी की सजा सुना दी | सेवक माफ़ी मांगता रहा लेकिन शाहजाह ने उसे माफ़ नहीं किया और शाहजाह ने कहा तुमने मुझ से झूठ कैसे बोला | झूठ हमें बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं है |
जैसे ही ये बात बीरबल को पता चली वो तुरंत शाहजाह से मिलने महल आया और इस फासी का विरोध किया | बीरबल ने शाहजाह से कहा की हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी ना कभी झूठ बोलता ही है | किसी के झूठ बोलने से अगर कुछ बुरा नहीं होता है तो वो झूठ गलत नहीं है | इस बात से शाहजाह अकबर बीरबल से बहुत नाराज़ हुए और बीरबल को राज्य से निकाल दिया गया |
जेसे ही बीरबल महल से बाहर आया उसने ठान लिया की ये बात साबित करके रहेगा की हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी ना कभी झूठ बोलते ही है | फिर बीरबल के दिमाग में एक विचार आया और वो सुनार की दूकान पर चला गया और सुनार से बोला की मुझे एक गेंहू जेसी सोने की तरह दिखने वाली बाली चाहिए | सुनार ने बाली बनाकर बीरबल को दे दी |
बीरबल इस बाली को लेकर अकबर के महल में गया | अकबर बोले तुम अब यहाँ क्या लेने आयो हो | बीरबल ने कहा शाहजाह मुझे आप से जरुरी बात करनी है | अकबर ने बीरबल को बात करने की इजाज़त दे दी | बीरबल ने अकबर से कहा - शाहजाह मुझे रास्ते में एक सिद्ध महापुरुष मिले थे और उन्होंने मुझे ये बाली दी है और कहा है की ये बाली खेत में डालने से पूरी फसल सोने की उगेगी | क्या आप मुझे एक खेत का टुकड़ा दे सकते हो | शाहजाह ने अपने लोगो से विचार विमर्श करके कहा की चलो में तुम्हे खेत दिलाता हूँ |
महल के सभी लोग खेत पर जमा हो गया | बीरबल ने कहा शाहजाह इस खेत में सोने की फसल तभी उगेगी जब कोई ऐसा व्यकित जिसने अपने जीवन में कभी झूठ नहीं बोला हो वही व्यक्ति इस बाली को खेत में डाले | शाहजाह ने अपने लोगो से कहा की कोई एक व्यक्ति आगे आये | लेकिन कोई भी आगे नहीं आया | फिर बीरबल ने कहा शाहजाह आप ही ये बाली खेत में डाल दो | ये सुनकर शाहजाह का सर नीचे झुक गया |
शाहजाह बोले - में समझ गया तुम क्या कहना चाहते हो | मेने भी बचपन ने बहुत झूठ बोले है | शाहजाह बोले - बीरबल तुम सही कह रहे थे हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी ना कभी झूठ बोलता ही है | फिर शाहजाह ने अपने सेवक की फासी की सजा रोक दी |
दोस्तों माफ़ी चाहता हूँ कहानी थोड़ी ज्यादा बड़ी हो गई | लेकिन इस कहानी से हमें बहुत कुछ सिखने को मिला है | हमें बिना सोचे समझे किसी पर भी घुस्सा नहीं करना चाहिए और ना ही बिना सोचे समझे किसी को दण्ड देना चाहिए |
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