बेटा हो तो ऐसा

पिता की चहेती हमेशा बेटी ही रही है लेकिन यह कहानी थोड़ी अलग है | यह कहानी है एक बेटे की जिसने अपनी सारी खुशिया अपने पिता के लिए त्याग दी |

एक छोटे से घर में एक गरीब परिवार रहता था | इस परिवार में पांच लोग रहते थे तीन बच्चे और उनके माता पिता | ये परिवार बहुत गरीब था | 


इस परिवार के मुखिया यू कहे तो उन बच्चो के पिता ने अपने परिवार को कभी भी भूखा नहीं सोने दिया | ये पिता अपने परिवार का पेट भरने के लिए कड़ी मेहनत करता था |

इसी परिवार में एक लड़का था जिसका नाम भोला था | ये भोला परिवार में सबसे छोटा था | भोला की उम्र 11 साल थी और वो 7 वी कक्षा में पड़ता था | 

भोला हमेशा नए कपडे की जिद करता था | कभी कभी नए जूते मांगता था | ये अपने शोक पुरे करने के लिए खूब रोया करता था | 

भोला के पिता उसको ये सारी चीजे दिला देते थे क्यूंकि भोला सबका प्यारा था | 

एक दिन भोला की माँ ने भोला को कहाँ - भोला तुम्हारे पिता काम पर गए है और खाना ले जाना भूल गए | तुम ये खाना अपने पिता को देकर आ जाओ |

भोला अपने पिता को भोजन देने चला गया | भोला ने अपने पिता को भोजन दे दिया | 

भोला वहीँ बेठ गया और उसके पिता काम कर रहे थे | पिता को कड़ी धुप में मजदूरी करते देखकर भोला थोडा उदास हो गया | उसने देखा की मेरे पिता इतनी मेहनत करते है | 

भोला वहां से चला गया और मन ही मन बहुत उदास था | उसको पछतावा हो रहा था की मेरे पिता इतनी मेहनत करते है और में नई नई चीजो के लिए जिद करता हूँ |

भोला की आँखों से गिरते हुए आंशुओ में सिर्फ अपने पिता की मेहनत नज़र आ रही थी | भोला जब भी रोटी खाने लगता तभी उस रोटी में उसके पिता की मेहनत नज़र आती | 

भोला ने अब ते कर लिया था की वो किसी भी चीज की जिद नहीं करेगा | भोला ने भी अपने परिवार का पेट भरने के लिए काम करना शुरू किया | भोला अब छुप छुप कर काम करने लगा | भोला काम करता है ये बात किसी को भी नहीं पता थी | 

भोला स्कूल जाने के लिए घर से जल्दी निकल जाता और लोगों की गाड़िया साफ़ करता | इस काम के उसे रोज 20 से 30 रुपए मिल जाते | ये पैसे अपने पिता को देता और बोलता की ये पैसे स्कूल की तरफ से सभी गरीब बच्चो को मिले है |

भोला पढाई के साथ साथ काम भी करता था | बहुत कम उम्र में भोला ने जिंदगी को समझ लिया था |

भोला के दोस्त अच्छे कपड़े पहनते थे अच्छा खाना खाते थे | लेकिन भोला ने अपने पिता की मेहनत के पैसो को कभी भी अपने ऊपर खर्च नहीं किया | 

एक दिन भोला के पिता ने भोला से कहा की - भोला तू इतने दिनों से शांत क्यों है क्या बात है | तूने किसी चीज की जिद भी नहीं की | भोला ने कुछ भी नहीं बोला |


भोला जब भी किसी कपडे की दूकान के सामने से गुजरता तो उदास हो जाता | भोला चाहता तो वो नए कपडे खरीद सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया | 

भोला ने इतनी कम उम्र में अपनी सारी खुशिया त्याग दी | जिस उम्र में बच्चे खेल कूद करते है उस उम्र में भोला ने लोगों को एक अच्छी सोच दी है |

भोला ने हम लोगों को बहुत कुछ सिखाया है | भोला ने हमे जीने का तरीका सिखाया है | 

जो लोग अपने माता पिता का पैसा बिना वजह खर्च करते है एक बार वो अपने पिता की आँखों में जरुर देखे | आप लोगो को अपने पिता की आँखों में थकान नज़र आएगी |

हर परिवार में एक भोला जैसा लड़का या लड़की जरुर होता है |

लेखक - तरुण कुमार