पिता के बिना जिंदगी सुनी है 

मेरी जिंदगी सुनी हो गई | जब से मेरे पापा इस दुनिया को छोड़ गए | आज बस उनकी यादें रह गई | आज उनके विचार बहुत याद आते है | 


मेने अपने पापा को कभी अकेला नहीं छोड़ा | लेकिन आज वो मुझे अकेला छोड़ गए | मेरे पापा ने हमेशा मेरा साथ दिया था | मेरे पापा ने कभी भी मेरी आँखों में आंशु नहीं आने दिए | 

लेकिन आज वो मुझे रुला कर चले गए | वो मेरे पापा ही नहीं बल्कि अच्छे दोस्त भी थे | मेरे पापा ने हर मुश्किल समय में मेरा साथ दिया था |

आज उनकी बहुत कमी महसूस हो रही है | जिस पिता ने मुझे राह दिखाई आज उन्होंने मुझे उसी राह पर अकेला छोड़ दिया | 

जिस पिता ने मुझे अपने कंधे पर बिठाकर दुनिया की सेर कराई आज उनको में अपने कंधे पर ले जा रहा था | आज में अपने पिता की चिता को देखकर अपने आप को नहीं संभाल पाया |


मेरे पिता ने कभी भी मुझे आग के पास जाने नहीं दिया लेकिन आज उनकी चिता मेरी आँखों के सामने जल रही थी और में कुछ भी नहीं कर पाया |

आज मेरा घर बिलकुल सुनसान हो गया | आज मेरा हाल चाल पूछने वाला कोई भी नहीं है | रोजाना मुझे अपने पिता का चेहरा नज़र आता है | 

जब में दुसरे बच्चो और उनके पिता के साथ खेलते हुए देखता हूँ तो रो पड़ता हु | मुझे अपने पिता की बहुत याद आती है | 

आज धुप का अहसास हो रहा है क्युकी मेरे पिता का हाथ मेरे सर पर नहीं है |

आज मेरी तबियत बहुत ख़राब है लेकिन हाल चाल पूछने वाला कोई भी नहीं है | पिता के मरते ही सब रिश्तेदारों ने आना छोड़ दिया |

दोस्तों मुझे माफ़ कर दो में अब और नहीं लिख पा रहा हूँ |

Author (Tarun Kumar)