Most 6+ Horror Story - भूत की कहानी इन हिंदी - Kahaniya Forever

6 से ज्यादा भूतों की कहानी हिंदी में 

सबसे ज्यादा डरावनी भूतों की कहानी 

पहली कहानी

|| बेगुन कोदार रेलवे स्टेशन ||

|| Most Haunted Railway Station of India ||

|| एक भूतिया रेलवे स्टेशन ||

|| हिन्दी में ||


आज की कहानी थोड़ी अजीब और डरावनी है | यह कहानी एक ऐसे रेलवे स्टेशन की है जहाँ पर 40 साल से एक भी ट्रेन नहीं रुकी है | इस स्टेशन से ट्रेन गुजरती तो है लेकिन रूकती नहीं है | जैसे ही ये स्टेशन आने वाला होता है वैसे ही ट्रेन पायलट ट्रेन की स्पीड बड़ा देता है | इसका एक ही कारण था और वो कारण था एक लड़की | इस स्टेशन को वीरान करने वाली एक लड़की थी | 





यह कहानी वेस्ट बंगाल की है | बंगाल की राजधानी कोलकाता से लगभग 250 किलोमीटर दूर पुरुलिया जिला पड़ता है | पुरुलिया जिले में एक गाँव है जिसका नाम है बेगुन कोदार | यहाँ पर एक भी रेलवे स्टेशन नहीं था और वहा के लोगो को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था | इसलिए लोगो की परेशानी को देखते हुए वहां पर एक रेलवे स्टेशन बनाया गया जिसका नाम था बेगुन कोदार रेलवे स्टेशन | चार पांच सालो तक सब ठीक ही चल रहा था | इसके बाद यहाँ पर एक स्टेशन मास्टर की पोस्टिंग होती है | जिसका नाम मोहन था और वो वंही सरकारी क्वार्टर में रहता था |

एक शाम अचानक उन्होंने देखा की एक लड़की ट्रेन के साथ साथ दोड़ रही है तो उन्होंने नज़र अंदाज कर दिया और उन्हें लगा की शायद वो लड़की ट्रेन पकड़ने के लिए दोड़ रही होगी | अगली शाम फिर से उस लड़की को ट्रेन के साथ तोड़ते हुए देखा ये देखकर उन्हें कुछ अजीब सा लगा | उन्हें लगा की ये लड़की ट्रेन के साथ दोड़ तो रही है लेकिन ट्रेन में चढ़ नहीं रही है | उन्होंने फिर से नज़र अंदाज कर दिया | लेकिन इस बार तो वो चोक गए क्यूंकि अगली शाम फिर से उसी लड़की को देखा और वो लड़की ट्रेन से भी तेज आगे निकल गई |

ये बात उन्होंने स्टेशन के सभी कर्मचारियो को बताई लेकिन किसी ने भी उनका विश्वास नहीं किया | सुबह होते ही वो उस लड़की की तलाश करने लगे लेकिन वो लड़की कही नज़र नहीं आई | शाम होते ही फिर से वही लड़की ट्रेन के साथ दोड़ती नज़र आई | यह देखकर वो बहुत डर गए थे फिर वो बीमार पड़ने लगे और कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई | 

अब दुसरे स्टेशन मास्टर की पोस्टिंग हो जाती है | लेकिन वही लड़की इनको भी दिखने लगी और वो वहा से भाग जाते है और अपना ट्रांसफर करा लेते है | क्यूंकि वो लड़की वाली कहानी इन्होने भी सुनी थी | अब तीसरे स्टेशन मास्टर की पोस्टिंग हो जाती है लेकिन ये भी भाग जाता है | अब ये बात पुरे बेगुन कोदार गाँव में फेल चुकी थी | लोगो में भय होने लगा था की इस स्टेशन में कोई चुड़ैल या भूतनी है | लोगों ने अब इस स्टेशन पर आना ही छोड़ दिया | अब तो स्टेशन के बाकी कर्मचारी भी वहां से भाग जाते है | इस स्टेशन पर अब तो एक आदमी भी नज़र नहीं आता है और ये एक भूतिया रेलवे स्टेशन बन गया | 



अब तो गाँव वालो ने भी उस लड़की को भागते हुए और नाचते हुए देखा था यहाँ तक की स्टेशन के बगल में एक पेड है उस पेड पर लटकते हुए भी देखा था | अब तो कोई भी कर्मचारी इस स्टेशन पर अपनी पोस्टिंग नहीं कराता है | जब ये बात रेलवे के उच्च अधिकारिओ को पता चली तो उन्होंने इस स्टेशन को बंद कर दिया | इस स्टेशन पर ट्रेन तो आती है मगर रूकती नहीं है | धीरे धीरे ये स्टेशन वीरान हो गया | रेलवे ने इस स्टेशन को भूतिया रेलवे स्टेशन घोषित कर दिया | 

जब ट्रेन इस स्टेशन से गुजरती है तो ट्रेन में बेठे पैसेंजर अपने खिड़की दरवाजे सब बंद कर लेते थे ताकि उनकी आँखे इस स्टेशन को न देख ले | लोगों में इतना डर बेठ गया था | 

ये लड़की (भूतनी) कौन थी 

गाँव के लोगो का कहना था की एक लड़की जो ट्रेन पकड़ने के लिए भाग रही थी लेकिन वो ट्रेन के नीचे आ जाती है और उसकी मौत हो जाती है | उसी की आत्मा यहाँ भटकती है और ट्रेन के साथ साथ भागती है | 



दूसरी कहानी

|| Chudial - चुड़ैल का साया || 

|| राजस्थान के एक गाँव में चुड़ैल का साया ||

|| हिंदी में ||



यह कहानी राजस्थान के पास के एक गाँव की है जहाँ एक चुड़ैल का साया था | यह कहानी आज से 35 साल पहले की है जो काफी चर्चित रही थी और इस गाँव में लोगो को काफी देह्सत में डाल रखा था | 

इस गाँव से कुछ दुरी पर एक जंगल था जहाँ पर एक औरत अकेली रहती थी और भगवान की पूजा करती थी | गाँव के लोगो को बहुत अजीब लगता था और वो इस औरत से दूर रहते थे | गाँव के लोगो का कहना था की ये औरत जादू टोना और टोकटा करती है | इसीलिय इस औरत से कोई बात नहीं करता था | गाँव के लोग इस औरत का चेहरा भी नहीं देखना चाहते थे | 

कुछ दिनों बाद से इस गाँव से एक एक करके बच्चे गायब होने लगे | गाँव के लोगो का शक इस औरत पर गया और गाँव के लोग इस औरत से मारपीट करने लगे और इस औरत को सभी गाँव वालों ने खूब मारा | ये औरत चिल्लाने लगी की मुझे नहीं पता तुम्हारे बच्चे कहाँ है मुझे छोड़ दो में नहीं जानती | लेकिन गाँव के लोगो पर इस औरत पर दया नहीं आई | गाँव के लोगो ने पूरा गाँव छान लिया लेकिन बच्चो का कुछ पता नहीं चला और घुस्साए लोगो ने उस औरत को जिन्दा जला दिया | ये जलती हुई औरत इधर उधर भागने लगी और कहने लगी की मुझे बचाओ मुझे बचाओ सच में मुझे बच्चो के बारे में कुछ नहीं पता |

इस औरत ने मरते मरते गाँव के लोगो को श्राप दिया की में किसी को भी नहीं छोडूंगी | में वापस आउंगी | में वापस जरुर आउंगी |



कुछ दिनों बाद गाँव के दो तीन लोगो ने उसी औरत को फिर से जंगल में पूजा करते हुए देखा | ये बात जब गाँव के लोगो को बताई तो गाँव के लोगो ने खुद जंगल में जाकर देखा तो वहां कोई नहीं था लोग इधर उधर देखने लगे  मगर कुछ नजर नहीं आया लेकिन अचानक वो औरत चुड़ैल बनकर लोगो के सामने आई वो पूरी तरह से जली हुई थी, आंखे बिलकुल सफ़ेद थी और चेहरा जला हुआ था और बहुत डरावना था | गाँव के लोग उस चुड़ैल को देखकर भागने लगे | उस चुड़ैल का डर लोगो के दिल में बेठ गया | ये चुड़ैल अब गाँव में आ चुकी थी | दिन में तो ये गायब हो जाती थी मगर रात में 10 बजते ही गाँव में आ जाती थी और धीरे धीरे लोगो को मरने लगी | 

इस चुड़ैल को भगाने के लिए गाँव के लोगो ने एक तांत्रिक बाबा को बुलाया | तांत्रिक बाबा ने अपनी विद्या से उस चुड़ैल के बारे में अपने मन में देखा तो वो हेरान हो गए | तांत्रिक बाबा ने गाँव के लोगो को जो बात बताई वो सुनकर गाँव के लोगो के होस उड़ गए | बाबा ने कहा की तुमने एक निर्दोष महिला को जिन्दा जलाया है वो किसी को भी जिन्दा नहीं छोड़ेगी | तुम्हारे बच्चो को इस औरत ने नहीं मारा था बल्कि उनकी मौत गाँव के बाहर जो तालाब है उसमे डूबकर हुई है | "बाबा ने कहा की", तुमने बहुत बड़ा पाप किया है तुम्हे तो अब भगवान ही बचा सकता है |  

गाँव के लोग बाबा से माफ़ी मांगने लगे | "बाबा ने कहा" माफ़ी मुझसे नहीं बल्कि उस औरत से मांगो | गाँव के लोगो पर बाबा को तरस आ गया और बाबा मदद के लिए तैयार हो गए | "बाबा ने गाँव के लोगो से कहा की" हमे एक पूजा करनी होगी और वो भी काली चोदस की रात को ध्यान रहे की काली चोदस की रात परसों है दिन हो या रात कोई भी गाँव से बाहर नहीं जायेगा | 

आज काली चोदस की रात है | पूजा शुरू हो चुकी है बस उस चुड़ैल का इंतजार है | गाँव के लोग बहुत डरे हुए है | बाबा अपने मंत्र का उच्चारण कर रहे है तभी अचानक तेज हवा चलने लगती है दूर से वही चुड़ैल चल कर आ रही है गाँव के लोग और डर गए है अब ये चुड़ैल लोगो के पास आ गई है और लोगो को देखने लगी | "बाबा ने कहा"  तू क्यों इन गाँव वालो को मार रही है इन्हें माफ़ कर दे ये लोग तुझसे माफ़ी मांग रहे है | में इन्हें नहीं माफ़ करुँगी | में इन्हें मार कर ही मुक्ति लुंगी | बाबा ने भभूत उस चुड़ैल पर फेंकी और वो अचानक गायब हो गई |   

बाबा ने कहा की अब डरने की कोई बात नहीं है उसको मुक्ति मिल गई है अब वो कभी नहीं आयेगी | 



तीसरी कहानी 

|| Dwarka Sector 9 Horror Place ||

|| हिंदी में ||




हेल्लो दोस्तों | वैसे तो हमने भूतों के बहुत से किस्से सुने है | हमारे देश में ऐसे बहुत से स्थान है जहाँ भूत होने का दावा किया जाता है | हमारे देशो में अलग अलग स्थानों में भूत की कहानी आपको बहुत सुनने को मिलेगी | लोग कहते है की भूत ज्यादातर कब्रिस्तान, पीपल का पेड़, बरगत का पेड़, खाली खंडर मकानों, सुनसान रास्ते और किलो में दिखाई देते और सुनने को मिलते है | एक ऐसा ही किस्सा दिल्ली के द्वारका सेक्टर 9 में सोशल मीडिया पर खूब चर्चित था और आज भी चर्चित है | 



दिल्ली के द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन से कुछ ही कदमो की दुरी पर एक रास्ता है जो बहुत सुनसान रास्ता है | इस रास्ते पर दो पेड़ है एक पेड़ पीपल का है और दूसरा पेड़ नीम का है | इन पेड़ो के नीचे भगवान की कुछ मुर्तिया राखी हुई है | कुछ लोगो का कहना है की रात 12 बजे के बाद यहाँ कुछ अजीब सी हलचल होती है | इन पेड़ो के नीचे एक सफ़ेद साड़ी में एक आत्मा बेठी हुई नज़र आती है | ये आत्मा रात को ही नज़र आता है और यहाँ से गुजरने वाली गाडियों से लिफ्ट मांगती है और फिर अचानक गायब हो जाती है | 

इस रास्ते पर जाते ही कुछ अजीब सी चीजे होने लगती है | हवाए भी बदल जाती है | घबराहट होने लगती है | ये आत्मा ज्यादातर बाइक वालो को दिखाई देती है और फिर अचनक गायब हो जाती है | ये रास्ता अब पूरी तरह हॉरर प्लेस में बदल चूका है | रात 11-12 बजे के बाद इस रस्ते में गाडियों की आवाजाही बंद हो जाती है | कोई भी रात को इस रस्ते पर आता जाता नहीं है | 

सुनने में आया था की इस रस्ते में एक बार एक औरत और उसके बच्चे की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी और वो औरत लोगो से मदद मांग रही थी और उस औरत और बच्चे की मौत हो गई थी | लोगो का कहना था की शायद ये वही औरत की आत्मा है जो लोगो को दिखाई देती है | ये आत्मा उसी पेड़ के नीचे बेठी हुई और चलती हुई नज़र आती है |



चौथी कहानी

|| Delhi Karkardoma Court Mein Bhoot Hai ||

|| हिंदी में ||



हेलो दोस्तों | आप लोग कभी ना कभी तो अदालत जरुर गए होंगे | लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है की जहाँ न्याय होता है वहां भूत का वाश है | जी हां दोस्तों में बात कर रहा हूँ दिल्ली के एक ऐसे कोर्ट की जहा भूत होने का शक तो है लेकिन भूत होने के सबूत भी है | दिल्ली के करकरडूमा कोर्ट में एक ऐसा ही किस्सा सामने आया था | पहले तो लोगो को विश्वाश नहीं हुआ | लेकिन कुछ हलचल से पुरे कोर्ट में देहसत फेल गई |   

दोस्तों कुछ साल पहले यानि 2014 के आसपास की बात है जब करकरडूमा कोर्ट में एक साइबर बनाया गया था जहाँ बहुत से कंप्यूटर रखे हुए थे | उन दिनों ये साइबर नया ही बनके तैयार हुआ था | दिन में तो सब ठीक होता था लेकिन रात होते ही यहाँ कुछ ठीक नहीं था | यहाँ काम करने वाले लोगो का कहना था की जो सामान ये रखकर जाते थे वो सुबह गायब हो जाता था और कुछ दिनों के बाद मिलता था | कुर्सिया भी अपनी जगह पर नहीं होती थी |



एक दिन लोगो ने परेशान होकर कैमरे में यानि CCTV में चेक किया | जो इन्होने CCTV में देखा सबके होस उड़ गए | इन्होने देखा की दो कुर्सिया अपने आप इधर से उधर चल रही थी | CCTV में एक परझाई जाते हुए नज़र आई और सभी कंप्यूटर जो बंद थे वो अपने आप चालु हो गए | ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ है | ये लोग शाम को कंप्यूटर बंद करके जाते थे और सुबह सभी कंप्यूटर चालू मिलते थे | अलमारी से ड्रोर अपने आप बाहर आ जाता है और उसमे रखे पन्ने हवा में लहर जाते है ये सब CCTV में कैद हुआ है | यहाँ तक दरवाजा भी अपने आप खुल जाता है लेकिन कोई भी नहीं आता | ये देखकर कोर्ट में देहसत फेल गई | अब कोई भी रात को कोर्ट में नहीं रुकता है | लोगो को लगता है की यहाँ सच में भूत है | यहाँ तक की रात को चोकीदार भी कोर्ट में नहीं जाता | सिर्फ और सिर्फ मेन गेट पर ही काम करते है | कोई भी रात को इस कोर्ट में नहीं रुकता है | लेकिन अभी तक लोगो को ये पता नहीं चला की ये सब कैसे हुआ |



पांचवी कहानी

|| भूत की कहानी || भयानक सपना || 

|| Bhayanak Sapna || 

|| हिंदी में ||

यानक सपना



आजकल सपने आना आम बात है | लोग तरह तरफ के सपने देखते है कुछ सपने आंखे खोलकर तो कुछ सपने नींद में |  कुछ सपने ऐसे होते है जो लोग आंखे खुली रखकर देखते है और सोचते है की हम अपने जीवन को किस तरह से बदले और हम ऐसा क्या करे जिससे की हमे भी दुनिया जाने | हमारा भी इस दुनिया में नाम हो पैसा हो इज्जत हो | लेकिन कभी कभी नींद में ऐसे सपने भी आ जाते है जो हमने कभी उनके बारे में सुना भी नहीं होता और जब ऐसे सपने आते है तो हम इससे भुलाना भी चाहे लेकिन भुला नहीं पाते और यह सपने हमारे दिल और दिमाग में इस तरफ बेठ जाते है की हमे रात में सोते हुए भी डर लगता है की कही ये सपना दुबारा ना आ जाए | आज में आपको ऐसे ही भयानक सपने के बारे में बताने जा रहा हूँ जो शायद ही कभी अपने सुना होगा | चलिए शुरू करते है |

रात को हवा में पैरो का लहरना


गर्मियों का दिन था | एक दिन मेरे साथ एक अजीबो गरीब घटना हुई वेसे तो में रात को 10 बजे तक सो जाता हूँ लेकिन एक दिन मुझे रात को सोते सोते 1 बज गया मुझे नींद नहीं आ रही थी फिर में अपने मोबाइल फ़ोन में गेम खेलने लगा | वैसे तो में अपने कमरे में अकेला ही सोता हूँ | इस कमरे में एक चारपाई है जो हमेसा बिछी हुई रहती है | गर्मियों का दिन था इसलिए में जमीन पर सोया था | रात करीब 1 बजे का समय था अचानक मेरे कमरे में बिल्ली गुस आई और रोने लगी अँधेरे में उसकी आंखे चमक रही थी मेने लाईट जलाई और उस बिल्ली को भगाया | फिर में वापस आकर गेम खेलने लगा थोड़ी ही देर बाद चारपाई टक टक करने लगी जेसे कोई इस पर बेठा हो मुझे कुछ समझ नहीं आया मेने सोचा शायद पंखे की हवा से टक टक कर रही होगी फिर थोड़ी ही देर बाद चारपाई और तेज टक टक करने लगी में इस सोच में था की पंखे की हवा से चारपाई इतनी तेज केसे टक टक कर सकती है  इस बार में डर गया और मेने चारपाई खड़ी कर दी अब 1:30 बज चुका था मुझे नींद आने लगी थी और में सो गया फिर थोड़ी देर बाद मेरा पंखा पता नहीं केसे बंद हो गया मेने लाईट चालू करके देखा लाईट आ रही थी मेने पंखे का स्विच बंद कर दिया फिर में सो गया मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की मेरे साथ ये क्या हो रहा है | आखिर में 2:40 मिनट हो चुके थे करीब 3 बजे मुझे नींद आई इस बार में बड़ी गहरी नींद में सोया था अचानक मेरे दोनों पैर ऊपर उठने लगे और मेरे पैरो को किसी ने पकड़ रखा था जब मेने अपने पैरो को देखा तो मेरे दोनों पैर हवा में लहर रहे थे में अपने हाथ और पैर हिलाने की कौशिश कर रहा था लेकिन मेरे दोनो हाथ और पैर बिलकुल भी काम नहीं कर रहे थे में चिल्ला रहा था | रो रहा था | लेकिन मेरी आवाज किसी को सुनाई नहीं दे रही थी और कोई मेरे दोनों पैरो को पकड़कर सीडी की तरफ ले जा रहा था | यह कोई अदृश्य शक्ति थी जो मुझे सीडी से धक्का देंना चाहती थी | बड़ी मुश्किल से मेरी आंखे खुली तो मेने क्या देखा की में बहुत घबराया हुआ था यहाँ तक सच में मेरी आँखों में आंशु भरे हुए थे मुझे समझ नहीं आ रहा था की ये सपना था की हकीकत इसके बाद में पूरी रात सो नहीं पाया | इस सपने के बाद आज तक इस कमरे में, में अकेला कभी नहीं सोया | आज 6 महीने बीत गये लेकिन मुझे वो रात आज भी याद है | आज भी उस भयानक सपने के बारे में सोचता हूँ तो डर जाता हूँ |



छटी कहानी

|| भूत की कहानी || सुनसान सड़क ||

|| Sunsaan Sadak || 

|| हिंदी में ||

सुनसान सड़क



कुछ सालों पह्ले कि बात है। जयपुर के पास एक गाँव था उस गाँव में जाने और आने का एक ही रास्ता था जो सिर्फ और सिर्फ सुनसान रास्ते के नाम से जाना जाता था। गाँव के लोग कहते थे शाम बजे के बाद कोई भी उस रस्ते से आता जाता नहीं था और जो भी बजे के बाद गलती से भी उस रास्ते मे चला गया वो कभी वापस नहीं लौटा। सभी गाँव के लोगो में डर था। यहां तक गाँव के लोग शाम होते ही बजे तक सो जाते थें। गाँव के लोगो का कहना था की रात को तरह तरह कि आवाजें आती थी जैसे किसी के रोने कीकिसी के चिल्लाने कीगाँव के लोग बहुत डरे हुए थे आखिर ये क्या हो रहा था। इस रास्ते ने गाँव के लोगों का सूख चेन सब छीन लिया था। जब गाँव के लोग अपने काम पर उस रास्ते से जाते और आते थे तो उनके परिवार को बस एक ही चिंता रहती थीं की उनके पति हो या बच्चे बस गाँव में सही सलामत आ जाएँ। आखिर उस रास्ते में ऐसा क्या था की गाँव के लोग इतने डरे हुए थे। चलिये जानते है।


आखिर कैसे पड़ा इसका नाम सुनसान रास्ता



इसी गाँव में एक परिवार रहता था इस परिवार मे 6 जने थे  उनमें एक लडकी जिसका नाम पुष्पा था वह अपने ही गाँव के लड़के जिसका नाम वीरेन्द्र था उससे प्यार करती थीं वह दोनो एक दूसरे से प्यार करते थे जब ये बात पुष्पा के परिवार को पता चली तो पुष्पा के माता पिता ने उसको बहुत समझाया की ये शादी नहीं हो सकती ये हमारे गाँव और बिरादरी के खिलाफ है  लेकिन पुष्पा अपनी जिद पर अड़ी रही और आखिर में माता पिता इस शादी के लिये मान गये। जब ये बात गाँव के लोगो को पता चली तो उन्होनें इस शादी का और पुष्पा के परिवार का कड़क विरोध करना शुरु किया लेकिन पुष्पा और उसके माता पिता ने गाँव के लोगो की बात मानने से इनकार किया  जब वीरेन्द्र अपने माता और पिता के साथ पुष्पा के घर सगाई करने आया तब गाँव के लोगो ने एक सड़यंत्र रचा और सगाई की रात को पुष्पा के घर मे आग लगा दी  पुष्पा और वीरेन्द्र के परिवारो को ज़िंदा जला दिया और सभी की जली हुई लाशो को गाँव के बाहर एक रास्ते मे दफन कर दिया। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था पुष्पा और वीरेन्द्र के परिवार को मुक्ति तो मिल गई लेकिन पुष्पा को नहीं मिलीं क्यूँकि पुष्पा ने मरते हुए इस गाँव को श्राप दिया था कि इस गाँव के लोगों का जीना बेहाल कर दूंगी इनका सूख चेन सब छीन लूँगी। जैसा कि पुष्पा ने कहा था वैसा ही किया  आज भी लोगो का मानना है की पुष्पा कि आत्मा आज भी उसी रास्ते में भटकती है। इसीलिए इस रास्ते का नाम सुनसान रास्ता पड़ा


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लेखक - तरुण कुमार

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